दिसंबर 30, 2022

यादों में 2022

हिंदी कविता Hindi Kavita यादों में 2022 Yaadon mein 2022


अमर जवान ज्योति का,


बदल गया मुकाम था,


माता के दरबार में भी,


भगदड़ और कोहराम था |



खूब चला फिर बुलडोज़र,


पंजाब आप के नाम था,


विद्या के मंदिर में भी,


हिजाब पर संग्राम था |



सिरसा से उड़ी एक मिसाइल,


पड़ोसी मुल्क अनजान था,


कश्मीर के आतंक का,


फाइल्स में दर्ज वृत्तांत था |



सिरफिरे ने छेड़ा एक युद्ध,


यूक्रेन में त्राहिमाम था,


अँग्रेज़ों की कश्ती का अब,


ऋषि नया कप्तान था |



काशी में मिला था शिवलिंग,


मस्ज़िद पर सवाल था,


टीवी की बहस का फ़ल,


कन्हैया का इंतकाल था |



लॉन बाल्स में आया सोना,


अग्निवीर परेशान था,


स्वर कोकिला के गमन से,


हर कोई हैरान था |



पश्चिम में बदली सरकार,


धनुष-कमल फ़िर संग थे,


पूरव में दल-बदलू के फ़िर,


बदले-बदले रंग थे |



सबसे बड़े प्रजातंत्र की,


अध्यक्षा फ़िर नारी हुईं,


ग्रैंड ओल्ड पार्टी का प्रमुख,


ना सुत ना महतारी हुई |



दक्षिण से निकला था पप्पू,


भारत को जोड़ने चला,


चुनावी राज्यों से लेकिन,


पृथक निकला काफिला |



भारत में लौटे फ़िर चीते,


5G का आगाज़ हुआ,


मोरबी का ढहा सेतु,


श्रद्धा का दुखद अंजाम हुआ |



प्रगतिपथ पर अग्रसर भारत,


जी20 का प्रधान बना,


विस्तारवादी ताकतों को,


रोकने में सक्षम सदा |



पलक झपकते बीता यह वर्ष,


तेईस आने वाला है,


आशा करता हूँ ये गम नहीं,


खुशियाँ लाने वाला है ||

दिसंबर 09, 2022

धारा का पेड़

हिंदी कविता Hindi Kavita धारा का पेड़ Dhaare ka ped

एक बार मैंने देखा


बरसाती नदी के बहाव में


एक पेड़ खड़ा था,


जैसे कुरुक्षेत्र की भूमि पर


अपने नातेदारों से


अभिमन्यु लड़ा था |



विपरीत परिस्तिथियों से


धारा के प्रचंड प्रवाह से


किंचित न डरा था,


घोंसले में बैठे चंद


पंछियों को बारिश से


वो अकेला आसरा था |



विपत्तियों की बाढ़ में


टूट कर बिखरा नहीं


अपितु अधिक हरा था,


अगले साल मैंने देखा


सावन के महीने में फ़िर


वो पेड़, वहीं खड़ा था ||

नवंबर 26, 2022

कुछ तो कहते हैं ये पत्ते

हिंदी कविता Hindi Kavita कुछ तो कहते हैं ये पत्ते Kuch toh kehte hain yeh Patte


बरखा की बूंदों सरीख,


बयार में जब ये बहते,


कल डाली से बंधे थे,


आज कूड़े के ढेर में रहते |



पतझड़ की हवाओं में,


बसंत का एहसास बनते,


कोंपल रूप में फिर आयेंगे,


नवारम्भ की गाथा कहते ||


नवंबर 20, 2022

जीवनमंत्र

हिंदी कविता Hindi Kavita जीवनमंत्र Jeevanmantra

हँसते रहने की खातिर ही मैं यह जीवन जीता हूँ,



ज़िंदा रहने की खातिर ही थोड़ा-थोड़ा हँसता हूँ ||

नवंबर 14, 2022

जब हम छोटे बच्चे थे

हिंदी कविता Hindi Kavita जब हम छोटे बच्चे थे Jab hum chote bachche the

जब हम छोटे बच्चे थे,


मम्मी-मम्मी करते थे,


साईकल पर निकलते थे,


अक्सर झगड़ा करते थे,


थोड़ा-थोड़ा पढ़ते थे,


अधिक शरारत करते थे,


पापा से बड़ा डरते थे,


तितली पकड़ा करते थे,


बिन पंखों के उड़ते थे,


जब हम छोटे बच्चे थे ||


नवंबर 03, 2022

माँ

हिंदी कविता Hindi Kavita माँ की याद Maa ki Yaad

आज मेरी माँ को गए हुए 10 साल हो गए | उनको अर्पित एक छोटी सी श्रद्धांजलि |




बरसों हो गए आँचल में तेरे सर को छुपाए ओ माँ,


पलकों पर मुझको, रखा हमेशा, तुझ जैसा कोई कहाँ,


जाने कहाँ गुम हो गई अचानक, सूना बिन तेरे जहाँ, 


सपनों में अपने, ढूँढूं मैं तुझको, यादों में ज़िंदा तू माँ ||

अक्टूबर 24, 2022

बचपन वाली दीवाली

हिंदी कविता Hindi Kavita बचपन वाली दीवाली Bachpan wali Diwali


वो चढ़-चढ़कर घर से सारे जालों को मिटाना,


वो पंखों की, कोनों-कोनों की धूल को हटाना,


वो आँगन में नाना रंगों से रंगोली सजाना,


वो दीवारों-दरवाज़ों पर रंग-रोगन कराना,


बाज़ारों से धनतेरस पर नया बर्तन ले आना,


वो मिठाई वो बताशे वो खील वो खिलौना,


वो छत पर रंगीन बल्बों की लड़ियाँ लगाना,


वो मोमबत्ती और दीपों से पूरे घर को सजाना,


वो नए-नए कपड़ों में पूजा कर प्रसाद चढ़ाना,


वो पटाखों की थैली के संग बाहर भाग जाना,


वो फुलझड़ी वो अनार वो रॉकेट वो चरखरी,


वो आलू बम, वो फूँक बम, वो मुर्गे की लड़ी,


खुशियों से भरपूर थी बचपन की हर दीवाली,


आओ मनाएँ फ़िर से वो ही बचपन वाली दीवाली ||

अक्टूबर 11, 2022

जय महाकाल

हिंदी कविता Hindi Kavita जय महाकाल Jai Mahakal


हाथ में डमरू कंठ भुजंग, अर्धचंद्र बिराजे भाल,


जय शिव-शम्भू जय महेश, जय जय जय श्री महाकाल ||


अक्टूबर 05, 2022

आओ दशहरा मनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita आओ दशहरा मनाएं Aao Dussehra manaayen

कागज़ का पुतला जलाकर,


सदियों की प्रथा निभाकर,


उत्सव हमने मनाया |



भीतर का रावण जलाकर,


राम की सीखें अपनाकर,


आओ दशहरा मनाएं ||


सितंबर 26, 2022

नौ देवियों के नाम और महिमा

हिंदी कविता Hindi Kavita नौ देवियों के नाम और महिमा Nau Deviyon ke Naam aur Mahima


हिमालय के घर की लक्ष्मी,


स्थिरता का आशीष देती,


शैलपुत्री माता की जय |



शिव के तप में तल्लीन,


श्रम का संदेश देती,


ब्रह्मचारिणी माता की जय |



अर्धचन्द्र भाल पर शोभित,


युद्ध को सदैव तत्पर,


चंद्रघंटा माता की जय |



मंद हास से ब्रह्माण्ड रचती,


रोग-शोक को दूर करती,


कूष्माण्डा माता की जय |



कार्तिकेय भगवान की जननी,


माँ की ममता का प्रतीक,


स्कंदमाता की जय |



महर्षि कात्यायन की पुत्री,


दैत्य महिषासुर मर्दिनी,


कात्यायनी माता की जय |



काली रात सा श्याम वर्ण,


शुभंकरी और चामुण्डा,


कालरात्रि माता की जय |



गौर वर्ण शिव अर्धांगिनी,


श्वेत वस्त्र सौम्य स्वरूप,


महागौरी माता की जय |



अष्ट सिद्धियाँ देने वाली,


महाशक्ति महादेवी,


सिद्धिदात्री माता की जय ||

सितंबर 19, 2022

तेरी आँखों का समंदर

हिंदी कविता Hindi Kavita तेरी आँखों का समंदर Teri Aankhon ka samundar


तेरी आँखों के समंदर में डूब जाने को जी करता है,


तेरे नैनों के तीरों से मर जाने को जी करता है ||

सितंबर 16, 2022

रस्ते पर गिरा पेड़

हिंदी कविता Hindi Kavita रस्ते पर गिरा पेड़ Raste par gira ped

वो सड़क जो दो दिलों को जोड़ती थी,


प्रेम की धरा पे जो दौड़ती थी,


आज दो भागों में वो बंट चुकी है,


मौजूद है वहीं मगर कट चुकी है,


अहं का वृक्ष मार्ग पर गिर चुका है,


भावों का आवागमन थम चुका है,


कोई इस तरु को राह से सरकाए,


दो दिलों की दूरियों को भर जाए ?

अगस्त 30, 2022

सुख करता, दुखहर्ता का हिंदी अनुवाद

हिंदी कविता Hindi Kavita सुख करता, दुखहर्ता का हिंदी अनुवाद Sukh karta dukhharta ka Hindi Anuvaad


सुख दाता दुःख हरता विघ्न विनाशक,


कृपासागर रिद्धि-सिद्धिदायक,


सर्वांगीण सुंदर केसरिया विनायक,


कंठ मोतियन की माला धारक,


जय देव, जय देव,


जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,


जय मंगल मूरत,


दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |


जय देव, जय देव ||



रत्नजड़ित मुकुट प्रभु चढ़ाऊं,


चन्दन कुमकुम केसर टीका लगाऊं,


हीरों का मुकुट शोभा बढ़ाए,


पायल की रुनझुन मन को सुहाए,


जय देव, जय देव,


जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,


जय मंगल मूरत,


दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |


जय देव, जय देव ||



लंबोदर पीतांबर कष्ट निवारक,


वक्रतुंड त्रिनेत्र धारक,


दास के सदन में प्रभु पधारो,


रक्षा करो भक्त वंदन करें सब संकट निवारो,


जय देव, जय देव,


जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,


जय मंगल मूरत,


दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |


जय देव, जय देव ||

अगस्त 26, 2022

जीवन की किताब

हिंदी कविता Hindi Kavita जीवन की किताब Jeevan ki Kitaab

इक दिन फुर्सत के क्षणों में,


तन्हा-तन्हा से पलों में,


मैंने मन में झाँककर,


जीवन की किताब खोली |



पहले पन्ने पर दर्ज था,


बड़ा-बड़ा सा अर्ज़ था,


मेरा परिचय, मेरी पहचान,


माँ-बाबा का दिया वो नाम,


जो जीवन का अंग था,


हर किस्से के संग था |



पन्ना-पन्ना मैं बढ़ता गया,


किस्से-कथाएं पढ़ता गया,


कुछ अफ़साने खुशी के थे,


कुछ नीरस से दुःखी से थे,


थोड़ी आशा-निराशा थीं,


कुछ अधूरी अभिलाषा थीं,


कहीं जीत थी कहीं हार थी,


कहीं किस्मत की पतवार थी,


कभी बरखा थी बहार थी,


कभी पतझड़ की बयार थी |



एक विपदाओं की बाढ़ थी,


और ओलों की बौछार थी,


रस्ते पर खड़ी दीवार थी,


लेकिन संग में तलवार थी,


श्रम-संयम जिसकी धार थी,


फ़िर पल में नौका पार थी,


कुछ लाभ था कुछ हानि थी,


ऐसी ढेरों कहानी थीं |



अंतिम कुछ पन्ने कोरे थे,


ना ज़्यादा थे ना थोड़े थे,


कुछ मीठे पल अभी जीने हैं,


कुछ कड़वे घूँट भी पीने हैं,


मैंने कल में झाँककर,


यादों की झोली टटोली ||

अगस्त 13, 2022

ऐ वतन, तेरे लिए

हिंदी कविता Hindi Kavita ऐ वतन तेरे लिए Ae watan tere liye

मस्तक की बूंदों से मैंने,


सींची है तेरी ज़मीन,


मस्तक की सारी बूँदें हैं,


ऐ वतन, तेरे लिए |



लहू की बूंदों से मैंने,


खींची है तेरी सरहद,


रक्त का अंतिम कतरा भी,


ऐ वतन, तेरे लिए |



माथे की लाली को मैंने,


किया तुझपर कुर्बान,


कोख का बालक भी मेरा,


ऐ वतन, तेरे लिए |



वक्त के लम्हों को मैंने,


तेरी सेवा में बिताया,


हर पल हर श्वास मेरी,


ऐ वतन, तेरे लिए ||


अगस्त 11, 2022

राखी

हिंदी कविता Hindi Kavita राखी Rakhi

रेशम की डोर नहीं,


प्रेम का धागा है राखी,


कष्टों में भी साथ का,


आजीवन वादा है राखी ||


अगस्त 06, 2022

जब काला बादल छाता है

हिंदी कविता Hindi Kavita जब काला बादल छाता है Jab kaala badal chata hai

नीले वीरान उस अम्बर पर,


सविता के तेज़ के परचम पर,


जब काला बादल छाता है,


बरखा का मौसम आता है |



विकट सघन उस कानन पर,


कुदरत के मृदु दामन पर,


जब काला बादल छाता है,


मयूर पंख फैलाता है |



नित्य सिकुड़ते पोखर पर,


दरिया के अवशेषों पर,


जब काला बादल छाता है,


पोखर धारा हो जाता है |



शुष्क दरकती वसुधा पर,


रेती पत्थर या माटी पर,


जब काला बादल छाता है,


नवजीवन प्रारंभ पाता है ||

अगस्त 03, 2022

लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई

हिंदी कविता Hindi Kavita लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई Lawn Bowls mein apratyaashit swarn padak par badhai


देवी का सा रूप है मेरा,


हूँ ना मैं अबला बेचारी,


अपने दम पर शिखर को चूमूँ,


मैं हूँ, आज की नारी ||

जुलाई 31, 2022

भारतीय खिलाड़ियों को CWG 2022 के लिए शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita भारतीय खिलाड़ियों को CWG 2022 के लिए शुभकामनाएं Best wishes to Indian players for CWG 2022


राष्ट्रमंडल खेलों में पुनः परचम लहराएगा,


काँसे का चाँदी का, सोने का तमगा आएगा ||

जुलाई 28, 2022

झूम के सावन आएगा

हिंदी कविता Hindi Kavita झूम के सावन आएगा Jhoom ke Sawan aayega

 

रूखा-सूखा हर तरुवर तब पत्तों से लहराएगा,


नभ से अमृत उतरेगा, जब झूम के सावन आएगा |


चंदा के दरस को, चकोर तरसाएगा,


अम्बर पर मेघ छाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |


घटा घनी होगी, दिन में भी रवि छुप जाएगा,


इन्द्रधनुष भी दीखेगा, जब झूम के सावन आएगा |


झुलसाती तपन से तन को भी राहत पहुंचाएगा,


शीतल जल टपकेगा, जब झूम के सावन आएगा |


बहते अश्कों को भी बूँदों का पर्दा मिल जाएगा,


अकेला आशिक तरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |


सड़कों पर चलेगी चादर, हर वाहन थम जाएगा,


कागज़ की कश्ती दौड़ेगी, जब झूम के सावन आएगा |


चाय की चुस्की के संग, पकोड़ा ललचाएगा,


भुट्टा भून के खाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |


छाते की ओट में इक दिल दूजे से टकराएगा,


प्रेम का झरना बरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |


सावन के गीतों संग दिल भी बाग़-बाग़ हो जाएगा,


तीज-त्यौहार मनाएंगें, जब झूम के सावन आएगा ||

जुलाई 23, 2022

बूँदें

हिंदी कविता Hindi Kavita बूँदें Boondein


आसमान से गिरती हैं नन्ही-नन्ही बूँदें,


पथरीले धरातल पर जाने किसको ढूँढें,


बूँद-बूँद धारा बनकर भूमि को सींचें,


नभ पर मोहक रंगों से चित्र मनोहर खींचें,


पत्तों से शाखाओं से मारुत में झूलें,


रूखी-सूखी धरती से दरारों को लीलें,


उदासीन उष्मा को परिवेश से मिटाएं,


उत्सव और त्योहारों का स्वागतगीत सुनाएं ||

जुलाई 16, 2022

सत्य क्या है ?

हिंदी कविता Hindi Kavita सत्य क्या है Saty kya hai

सत्य क्या है ?


सुख की अनुभूति,


या दुःख का अनुभव,


अंधियारी रात,


या मधुरम कलरव,


सपनों की दुनिया,


या व्याकुल वास्तव,


जीवंत शरीर,


या निर्जीव शव ||

जून 29, 2022

उदयपुर के कन्हैयालाल जी को श्रद्धांजलि

हिंदी कविता Hindi Kavita उदयपुर के कन्हैयालाल जी को श्रद्धांजलि

क्या सिर्फ़ फाँसी पर्याप्त है ?


मौत की सज़ा भी इस आतंक पे काफ़ी नहीं,

हो ऐसा इंसाफ जो मिसाल बनना चाहिए ||

जून 27, 2022

बरसात की इक रात

हिंदी प्यार कविता Hindi Love Kavita बरसात की इक रात Barsaat ki ek raat

बरसात की इस रात में हम आपका इंतज़ार करते हैं,


आपकी याद में दोस्तों से तकरार करते हैं,


तुम हमारी थी, हमारी हो, हमारी ही रहोगी,


पर हमें पता है, यह तुम कभी ना कहोगी,


इस दर्द भरी दुनिया में तुम्हारा साथ चाहते हैं,


पर ज़रूरत पड़ने पर खुद को अकेला ही पाते हैं,


दिल चीर के देख लो तुम्हारा नाम लिखा है,


प्यार क्या होता है तुमसे ही सीखा है,


हमारे दिल का हाल तुम नहीं जानती हो,


हमें सिर्फ़ हमारे चेहरे से पहचानती हो,


बरसात की इस रात में आज हम इकरार करते हैं,


हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं,


हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं ||

जून 21, 2022

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

हिंदी कविता Hindi Kavita अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस International Yoga Day

स्वस्थ तन निर्मल मन दूर रखते सारे रोग,


आओ मिलकर अपनाएं जीवन में अपने योग ||

जून 19, 2022

ये साली ज़िंदगी !

हिंदी कविता Hindi Kavita ये साली ज़िंदगी Yeh Saali Zindagi

अथाह अगाध सागर जैसी,


है ये साली ज़िंदगी !


पहला जनम दूजा तट मृत्यु,


यात्रा भारी ज़िंदगी !



ज़िन्दों का उपहास करती,


है ये साली ज़िंदगी !


कष्टों के लवण से परिपूर्ण,


जलधि खारी ज़िंदगी !



बूँदों में सुख को टपकाती,


है ये साली ज़िंदगी !


निकट पहुँचते ही उड़ जाती,


बूँदें, सारी ज़िंदगी !

जून 10, 2022

कुहासा

हिंदी कविता Hindi Kavita कुहासा Kuhasa

कोहरे की मोटी चादर में,


दुबका-सिमटा सारा परिवेश,


ना गोचर है मार्ग-मंज़िल,


बस तृष्णा ही बाकी है शेष |



भरता हूँ डग अटकल करते,


पथ पर कंटक-कंकड़ या घास ?


मन में है भटकाव का भय,


और धुंध के छँटने की आस |



भाग्य रवि फ़िर दमकेगा,


ओझल फ़िर होगा कुहासा,


तब तक बढ़ता धीरे-धीरे,


जीवनपथ पर मैं तन्हा सा ||

जून 04, 2022

मध्यमवर्गीय परिवार

हिंदी कविता Hindi Kavita मध्यमवर्गीय परिवार Madhyamvargiya Parivar

मध्यमवर्गीय परिवार,


कूलर एक व्यक्ति चार,


दो कमरे का घरबार,


दाल रोटी और अचार,


कष्टों की है भरमार,


करते ना कभी इज़हार,


जुगाड़ में हैं बड़े होशियार,


सीमित साधन एवं विचार,


पड़ोसियों से है व्यवहार,


कानाफूसी और चटकार,


दो पहियों पर संसार,


छुट्टी बीते सपरिवार,


चाहते हैं छोटी सी कार,


धन के आगे हैं लाचार,


आँखों में सपने हज़ार,


पूरा करना बजट के बाहर,


सहते हैं महँगाई की मार,


सुनती ना इनकी सरकार,


सेल का रहता इंतज़ार,


मोल-भाव करते हर बार,


राशन की लम्बी कतार,


मुफ़्त धनिया है अधिकार,


संभाल के रखते हैं अखबार,


बाद में बिकता बन भंगार,


मेहनत का हैं भण्डार,


किस्मत की रहती दरकार,


पुरखों का करते सत्कार,


बच्चों में है शिष्टाचार,


समझौते जीवन का सार,


इच्छापूर्ति है दुष्वार,


परिवार में परस्पर प्यार,


छोटी-छोटी खुशियाँ अपार ||

मई 28, 2022

गर्मी का Lockdown

हिंदी कविता Hindi Kavita गर्मी का Lockdown Garmi ka Lockdown

सड़कें सारी कोरी हैं, घर में भी तुम झुलसाते हो,


दिन तक तो ठीक है, रातों को भी गरमाते हो,


कोरोना अब कम है, फ़िर भी Lockdown लगवाते हो,


सूरज दादा बोलो तुम, सर्दी में क्यों नहीं आते हो ??

मई 24, 2022

शतरंज की बिसात पर

हिंदी कविता Hindi Kavita शतरंज की बिसात पर Shatranj ki bisaat par

शतरंज की बिसात पर,


कपट की चाल है चली,


ज़रा ठहर, ज़रा संभल,


सम्मुख तेरे है छली,


फुफकारता भुजंग सा,


बैरी बड़ा महाबली,


साहस जुटा तू रह निडर,


असि उठा तू वार कर,


खुदा का हाथ थाम चल,


सन्मार्ग पर तू रह अटल,


शतरंज की बिसात पर,


शिकस्त की चाल है चली ||

मई 17, 2022

बाबा फ़िर आएंगें

हिंदी कविता Hindi Kavita बाबा फ़िर आएंगें Baba phir aayenge

जिनका ना कोई आदि है, ना ही कोई अंत है, ऐसे शाश्वत शिव का कोई क्या बिगाड़ सकता है |

डमरू व त्रिशूलधारी,


महाकाल त्रिपुरारी,


भक्तों का उद्धार करने,


नंदी का एकांत हरने,


बाबा फ़िर आएंगें |||

मई 14, 2022

जीवन सागर

हिंदी कविता Hindi Kavita जीवन सागर Jeevan Sagar

जीवन एक विस्तृत सागर है,


मन उसमें बहती नौका है,


अनुभव ही नाना टापू हैं,


लहरें भाग्यरेखा है |



टापू पर यात्री मिलते हैं,


मैंने अक्सर यह देखा है,


भेंट लघु ही होती है,


नियम यह अनोखा है |



दुखदायी यादें पत्थर हैं,


सुख एक फ़ूलों का खोखा है,


सागर में बहती नौका में,


भारी पत्थर क्यों रखा है ?

मई 08, 2022

माँ

हिंदी कविता Hindi Kavita माँ Maa

माँ तो देखो माँ होती है,


बच्चों की दुनिया होती है,


खुदा की रहमत होती है,


धरती पर जन्नत होती है,


माँ तो देखो माँ होती है ||

अप्रैल 16, 2022

राम गुण

हिंदी कविता Hindi Kavita राम गुण Ram Gun

जब जननी ने श्रीराम को वन-गमन का आदेश दिया,


माता की आज्ञा को प्रभु ने सहर्ष शिरोधार्य किया,


विपदा में भी मर्यादा में रहकर ही व्यवहार किया,


संकट में धीरज रखने का हम सबको आदर्श दिया ||

अप्रैल 01, 2022

राजाजी आने वाले हैं

हिंदी कविता Hindi Kavita राजाजी आने वाले हैं Rajaji aane waale hain

नन्हे-नन्हे फूल अब मुरझाने वाले हैं,


खट्टे-मीठे रसभरे फ़ल ललचाने वाले हैं,


गर्मी में तन को ठंडक पहुंचाने वाले हैं,


फ़लों के राजाजी आने वाले हैं |

मार्च 17, 2022

बुरा ना मानो होली है

हिंदी कविता Hindi Kavita बुरा ना मानो होली है Bura naa maano Holi hai

नीला, पीला, हरा, गुलाबी


रंगों से भरी झोली है,


बुरा ना मानो होली है !



गुजिया की मिठास है संग में


शैतानी व ठिठोली है,


बुरा ना मानो होली है !



ठंडाई में चुपके से


भाँग भी हमने घोली है,


बुरा ना मानो होली है !



पुरखों के माथे पर टीका


यारों के संग खेली है,


बुरा ना मानो होली है !



गली-गली में देखो फिरती


मस्तानों की टोली है,


बुरा ना मानो होली है !



पिचकारी के जल से देखो


भीगी-भीगी चोली है,


बुरा ना मानो होली है !



रंगे-पुते चेहरे हैं सबके


जाने कौन हमजोली है,


बुरा ना मानो होली है !



द्वेष भुलाकर आगे बढ़ना


मिलना ही तो होली है,


बुरा ना मानो होली है !!!

मार्च 05, 2022

शेन वार्न को श्रद्धांजलि

हिंदी कविता Hindi Kavita शेन वार्न को श्रद्धांजलि Shane Warne ko Shradhanjali

आज स्वर्ग में एक क्रिकेट मैच का आयोजन हो रहा है | हमारे सारे पूर्वज दर्शक दीर्घा में बैठे हैं | नर्क से सभी दिवंगत नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है | और मैदान में खेलने के लिए उतरे हैं क्रिकेट जगत के दो दिग्गज जिनके स्वागत में मैं चंद शब्द कहूँगा –



स्वर्ग में भी आज, क्या गज़ब माहौल होगा,


बैटिंग करेंगे ब्रैडमैन, बॉलर वार्न होगा ||

मार्च 01, 2022

महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं MahaShivratri ki Shubhkaamnaayein

आज महाशिवरात्रि पर मेरी भोले बाबा से प्रार्थना है के यूरोप में चल रहे संग्राम पर विराम लगे और विश्व में शांति बहाल हो |



सत्य की जीत हो, असत्य की हार हो,


शिव से ही प्रारंभ है, शिव ही से विनाश हो,


भोले के ही चरणों में झुका संसार हो,


दुष्टों का अंत हो, अमन का आगाज़ हो ||

फ़रवरी 20, 2022

सरहद

हिंदी कविता Hindi Kavita सरहद Sarhad

हवा के झोकों में लहराती फसलों के बीच में,


अपनी मेहनत के पसीने से धरती को सींच के,


सूरज की तपती किरणों से आँखों को भींच के,


बचपन के अपने यार को उसके खेत से आते देखा |



कंधे पर उसके झोला था माथे पर मेहनत के निशान,


कपड़ों पर उसके मिट्टी थी मेरे ही कपड़ों के समान,


मेरी दिशा में अपनी बूढ़ी गर्दन को मोड़ के,


मेरी छवि को देख उसके चेहरे को मुरझाते देखा |



मैं पेड़ों के ऊपर चढ़ता वो नीचे फ़ल पकड़ता था,


मास्टर की मोटी बेंत से मेरे जितना वो डरता था,


जाने कितनी ही रातों को टूटे-फूटे से खाट पर,


बचपन में असंख्य तारों को हमने झपकते देखा |



वो नहरों में नहाना संग में बैठ कर खाना,


इक-दूजे के घर में सारा-सारा दिन बिताना,


छोटी-छोटी सी बातों पर कभी-कभी लड़ जाना,


बचपन की मीठी यादों को नज़रों में मंडराते देखा |



बस यादों में ही संग हैं, दूरी हममें अब हरदम है,


चंद क़दमों का है फ़ासला पर मिलना अब ना संभव है,


अपनी खेतों की सीमा से सटे लोहे के स्तंभ पर,


क्षितिज तक सरहद के बाड़े को हमने जाते देखा ||

फ़रवरी 14, 2022

खिल रहे हैं फूल

हिंदी कविता Hindi Kavita खिल रहे हैं फूल Khil rahe hain phool

खिल रहे हों फूल जैसे इक उजड़ी सी बगिया में,


बरस पड़ा हो प्रताप जैसे इक सूखी सी नदिया पे,


टपक रहीं हों बूँदें जैसे शुष्क दरकती वसुधा पे,


पड़ रही हो छाया जैसे एक थके मुसाफिर पे,


अनुभव ऐसा होता मुझको तेरी बाँहों के घेरे में ||

फ़रवरी 11, 2022

पढ़ाई करो, लड़ाई नहीं

हिंदी कविता Hindi Kavita पढ़ाई करो लड़ाई नहीं Padhai karo Ladhai nahin

शिक्षण संस्थानों में धार्मिक महिमा-मंडन का कोई स्थान नहीं होना चाहिए | पढ़ाई करो, लड़ाई नहीं |



दो सालों से वैसे भी,


शिक्षा पर लगी है लगाम,


धरम को थोड़ा बगल में रखो,


ज्ञान के छुओ नए आयाम ||

फ़रवरी 06, 2022

स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि

हिंदी कविता Hindi Kavita स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि Swar Kokila Sushri Lata Mangeshkar Ji ko Shradhanjali

संगीत की लताओं पर सुरों का फ़ूल था खिला,


गूँजती मधुर ध्वनि में इक सुरीली कोकिला,


काल की कठोरता से फ़ूल धूल हो चला,


ज़िंदा है सुरों में अब भी वो स्वर कोकिला ||

जनवरी 26, 2022

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं Gantantra Diwas ki Shubhkaamnaayein

भारत एक गणतंत्र है - जनता का तंत्र | भारत की जनता अपना घर हो या देश, दोनों को चलाने में सक्षम है | बाहरी सहायता की आवश्यकता नहीं है |



चाहे उत्सव हो, उल्लास हो,


या संकट का आभास हो,


चाहे दो-चार ही जन हों,


या सवा सौ करोड़ श्वास हो,


मंज़र जैसा भी हो चाहे,


हम जी लेंगे, हम कर लेंगे,


भारत पर जो आँख उठाए,


हम स्वत: ही निपट लेंगे,


हम सक्षम हैं ||

जनवरी 23, 2022

जब डर, मर जाता है

हिंदी कविता Hindi Kavita जब डर, मर जाता है Jab darr mar jaata hai

हर बाधा मिट जाती है,


राह से रोड़ा हट जाता है,


दृष्टि स्पष्ट हो जाती है,


गंतव्य भी दिख जाता है,


जब डर, मर जाता है |



मतिभ्रम मिट जाता है,


मन को सुकून आता है,


खुद पर यकीन आता है,


नत सर भी उठ जाता है,


जब डर, मर जाता है |



निर्बल बली हो जाता है,


जो चाहे वो कर जाता है,


गम भी सारे मिट जाते हैं,


जीवन में रंग भर आता है,


जब डर, मर जाता है ||

जनवरी 09, 2022

लोकतंत्र का उत्सव

हिंदी कविता Hindi Kavita लोकतंत्र का उत्सव Loktantra ka Utsav

फ़िर निकले हैं दल-बल लेकर,


चोर-उचक्के और डकैत,


चाहते हैं मायावी कुर्सी,


पाँच साल फ़िर करेंगें ऐश |



मत अपना बहुमूल्य है समझो,


मत करना इन पर बर्बाद,


जाँच-परख कर नेता चुनना,


सुने जो सबकी फ़रियाद ||

राम आए हैं