एक आम भारतीय क्या सोचता है? क्या अनुभव करता है? उसके विचारों की सरिता का उद्गम किस पर्वतमाला से होता है और यह प्रवाह अंत में किस सागर को अलंकृत करता है?
मन के भाव उन्हीं विचारों को, स्वप्नों को, आशाओं निराशाओं को, संघर्षों सफलताओं को, दिन-प्रतिदिन की विपदाओं को, शब्दों की सहायता से चंद पंक्तियों में प्रकट करने का प्रयत्न करता है | यह उत्कृष्ट एवं नई कविताओं का संकलन है | इस ब्लॉग के माध्यम से मैं हिंदी काव्य को बढ़ावा देने और हिंदी साहित्य में नगण्य सा योगदान देने की भी चेष्टा करता हूँ |
अप्रैल 16, 2022
अप्रैल 01, 2022
राजाजी आने वाले हैं
नन्हे-नन्हे फूल अब मुरझाने वाले हैं,
खट्टे-मीठे रसभरे फ़ल ललचाने वाले हैं,
गर्मी में तन को ठंडक पहुंचाने वाले हैं,
फ़लों के राजाजी आने वाले हैं |
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