एक आम भारतीय क्या सोचता है? क्या अनुभव करता है? उसके विचारों की सरिता का उद्गम किस पर्वतमाला से होता है और यह प्रवाह अंत में किस सागर को अलंकृत करता है?
मन के भाव उन्हीं विचारों को, स्वप्नों को, आशाओं निराशाओं को, संघर्षों सफलताओं को, दिन-प्रतिदिन की विपदाओं को, शब्दों की सहायता से चंद पंक्तियों में प्रकट करने का प्रयत्न करता है | यह उत्कृष्ट एवं नई कविताओं का संकलन है | इस ब्लॉग के माध्यम से मैं हिंदी काव्य को बढ़ावा देने और हिंदी साहित्य में नगण्य सा योगदान देने की भी चेष्टा करता हूँ |
अगस्त 30, 2021
अगस्त 22, 2021
बदलाव की आहट
हवाओं का रुख कुछ बदला-बदला सा है,
अमावस का चाँद भी उजला-उजला सा है,
संगमरमर की चट्टानों ने भी आज भरी है साँस,
दुनिया बनाने वाले का मिज़ाज कुछ बदला-बदला सा है ||
अगस्त 14, 2021
मेरे अश्क
मैं बरखा में निकलता हूँ, मन का सुकून पाने को,
अपने अश्कों को बारिश की, बूँदों में छिपाने को ||
अगस्त 08, 2021
मिल्खा सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि
मिल्खा सिंह जी को कल गए हुए पूरे पचास दिन हो गए | नीरज चोपड़ा ने कल उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी, उनका स्वप्न पूरा करके | नीरज की उपलब्धि एवं मिल्खा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कुछ पंक्तियाँ -
कमल (नीरज) खिला है आज ओलिंपिक के मैदान में,
मिल्खा झूम रहे होंगे उस पार उस जहान में ||
काश मिल्खा कुछ दिन और जी लेते,
जीते जी अपने सपने को जी लेते ||
अगस्त 05, 2021
हॉकी में पदक पर बधाई
बहुत दिनों बाद ऐसी सुबह आई है,
ना रंज है, ना गम है, ना रुसवाई है,
जीत की कहानी हमने दोहराई है,
कांस्य पदक पर पूरे राष्ट्र को बधाई है ||
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