मन के भाव - हिंदी काव्य संकलन
मैं एक भारतीय हूँ | मैं हिंदी में कविता लिखता हूँ | यह ब्लॉग मेरे मन के भावों को सदृश्य करने की मेरी एक कोशिश है | आशा करता हूँ मेरी रचनाएँ आपको रुचिकर लगें |
मई 28, 2022
मई 24, 2022
शतरंज की बिसात पर
शतरंज की बिसात पर,
कपट की चाल है चली,
ज़रा ठहर, ज़रा संभल,
सम्मुख तेरे है छली,
फुफकारता भुजंग सा,
बैरी बड़ा महाबली,
साहस जुटा तू रह निडर,
असि उठा तू वार कर,
खुदा का हाथ थाम चल,
सन्मार्ग पर तू रह अटल,
शतरंज की बिसात पर,
शिकस्त की चाल है चली ||
मई 17, 2022
बाबा फ़िर आएंगें
जिनका ना कोई आदि है, ना ही कोई अंत है, ऐसे शाश्वत शिव का कोई क्या बिगाड़ सकता है |
डमरू व त्रिशूलधारी,
महाकाल त्रिपुरारी,
भक्तों का उद्धार करने,
नंदी का एकांत हरने,
बाबा फ़िर आएंगें |
मई 14, 2022
जीवन सागर
जीवन एक विस्तृत सागर है,
मन उसमें बहती नौका है,
अनुभव ही नाना टापू हैं,
लहरें भाग्यरेखा है |
टापू पर यात्री मिलते हैं,
मैंने अक्सर यह देखा है,
भेंट लघु ही होती है,
नियम यह अनोखा है |
दुखदायी यादें पत्थर हैं,
सुख एक फ़ूलों का खोखा है,
सागर में बहती नौका में,
भारी पत्थर क्यों रखा है ?
मई 08, 2022
माँ
माँ तो देखो माँ होती है,
बच्चों की दुनिया होती है,
खुदा की रहमत होती है,
धरती पर जन्नत होती है,
माँ तो देखो माँ होती है ||
अप्रैल 16, 2022
राम गुण
जब जननी ने श्रीराम को वन-गमन का आदेश दिया,
माता की आज्ञा को प्रभु ने सहर्ष शिरोधार्य किया,
विपदा में भी मर्यादा में रहकर ही व्यवहार किया,
संकट में धीरज रखने का हम सबको आदर्श दिया ||
अप्रैल 01, 2022
राजाजी आने वाले हैं
नन्हे-नन्हे फूल अब मुरझाने वाले हैं,
खट्टे-मीठे रसभरे फ़ल ललचाने वाले हैं,
गर्मी में तन को ठंडक पहुंचाने वाले हैं,
फ़लों के राजाजी आने वाले हैं |
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