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जनवरी 24, 2024

राम आए हैं

हिंदी कविता Hindi Kavita राम आए हैं Ram aaye hain



शिशिर में बसंती पुष्प खिल आए हैं,


राम आए हैं |


कोयल कूकी है पंछी भी चहचहाए हैं,


राम आए हैं |


पुरवासियों ने घर में दीये जलाए हैं,


राम आए हैं |


नयनों में श्रद्धा-अश्रु छलछलाए हैं,


राम आए हैं |


कलियुग में आज देखो भगवान आए हैं,


राम आए हैं |


राम आए हैं आए हैं राम आए हैं |||

अगस्त 23, 2023

चंद्रयान 3 की कामयाबी

हिंदी कविता Hindi Kavita चंद्रयान 3 की कामयाबी Chandrayaan 3 ki Kaamyabi

रोशन ये रात है,


अँधेरा गुमशुदा है,


भारत की प्रगति का सूर्य


चाँद पर जो उगा है ||

मार्च 08, 2023

नारी के नाना रंग

हिंदी कविता Hindi Kavita नारी के नाना रंग Naari ke nana rang

कभी शक्ति का रंग,


कभी सेवा का,


कभी भगिनी का रंग,


कभी भार्या का,


कभी सुता का,


कभी माता का,


कभी प्रेम का,


कभी क्रोध का,


कभी जीत का,


कभी हार का,


कभी धीरज का,


कभी बेसब्री का,


कभी आज़ादी का,


कभी दासता का,


कभी देवी का,


कभी मजबूरी का,


होली में उल्लास के उड़ते नाना रंगों से भी,


ज़्यादा रंगों से रंगा अस्तित्व है नारी का |||

दिसंबर 30, 2022

यादों में 2022

हिंदी कविता Hindi Kavita यादों में 2022 Yaadon mein 2022


अमर जवान ज्योति का,


बदल गया मुकाम था,


माता के दरबार में भी,


भगदड़ और कोहराम था |



खूब चला फिर बुलडोज़र,


पंजाब आप के नाम था,


विद्या के मंदिर में भी,


हिजाब पर संग्राम था |



सिरसा से उड़ी एक मिसाइल,


पड़ोसी मुल्क अनजान था,


कश्मीर के आतंक का,


फाइल्स में दर्ज वृत्तांत था |



सिरफिरे ने छेड़ा एक युद्ध,


यूक्रेन में त्राहिमाम था,


अँग्रेज़ों की कश्ती का अब,


ऋषि नया कप्तान था |



काशी में मिला था शिवलिंग,


मस्ज़िद पर सवाल था,


टीवी की बहस का फ़ल,


कन्हैया का इंतकाल था |



लॉन बाल्स में आया सोना,


अग्निवीर परेशान था,


स्वर कोकिला के गमन से,


हर कोई हैरान था |



पश्चिम में बदली सरकार,


धनुष-कमल फ़िर संग थे,


पूरव में दल-बदलू के फ़िर,


बदले-बदले रंग थे |



सबसे बड़े प्रजातंत्र की,


अध्यक्षा फ़िर नारी हुईं,


ग्रैंड ओल्ड पार्टी का प्रमुख,


ना सुत ना महतारी हुई |



दक्षिण से निकला था पप्पू,


भारत को जोड़ने चला,


चुनावी राज्यों से लेकिन,


पृथक निकला काफिला |



भारत में लौटे फ़िर चीते,


5G का आगाज़ हुआ,


मोरबी का ढहा सेतु,


श्रद्धा का दुखद अंजाम हुआ |



प्रगतिपथ पर अग्रसर भारत,


जी20 का प्रधान बना,


विस्तारवादी ताकतों को,


रोकने में सक्षम सदा |



पलक झपकते बीता यह वर्ष,


तेईस आने वाला है,


आशा करता हूँ ये गम नहीं,


खुशियाँ लाने वाला है ||

अक्तूबर 11, 2022

जय महाकाल

हिंदी कविता Hindi Kavita जय महाकाल Jai Mahakal


हाथ में डमरू कंठ भुजंग, अर्धचंद्र बिराजे भाल,


जय शिव-शम्भू जय महेश, जय जय जय श्री महाकाल ||


अक्तूबर 05, 2022

आओ दशहरा मनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita आओ दशहरा मनाएं Aao Dussehra manaayen

कागज़ का पुतला जलाकर,


सदियों की प्रथा निभाकर,


उत्सव हमने मनाया |



भीतर का रावण जलाकर,


राम की सीखें अपनाकर,


आओ दशहरा मनाएं ||


सितंबर 26, 2022

नौ देवियों के नाम और महिमा

हिंदी कविता Hindi Kavita नौ देवियों के नाम और महिमा Nau Deviyon ke Naam aur Mahima


हिमालय के घर की लक्ष्मी,


स्थिरता का आशीष देती,


शैलपुत्री माता की जय |



शिव के तप में तल्लीन,


श्रम का संदेश देती,


ब्रह्मचारिणी माता की जय |



अर्धचन्द्र भाल पर शोभित,


युद्ध को सदैव तत्पर,


चंद्रघंटा माता की जय |



मंद हास से ब्रह्माण्ड रचती,


रोग-शोक को दूर करती,


कूष्माण्डा माता की जय |



कार्तिकेय भगवान की जननी,


माँ की ममता का प्रतीक,


स्कंदमाता की जय |



महर्षि कात्यायन की पुत्री,


दैत्य महिषासुर मर्दिनी,


कात्यायनी माता की जय |



काली रात सा श्याम वर्ण,


शुभंकरी और चामुण्डा,


कालरात्रि माता की जय |



गौर वर्ण शिव अर्धांगिनी,


श्वेत वस्त्र सौम्य स्वरूप,


महागौरी माता की जय |



अष्ट सिद्धियाँ देने वाली,


महाशक्ति महादेवी,


सिद्धिदात्री माता की जय ||

अगस्त 30, 2022

सुख करता, दुखहर्ता का हिंदी अनुवाद

हिंदी कविता Hindi Kavita सुख करता, दुखहर्ता का हिंदी अनुवाद Sukh karta dukhharta ka Hindi Anuvaad


सुख दाता दुःख हरता विघ्न विनाशक,


कृपासागर रिद्धि-सिद्धिदायक,


सर्वांगीण सुंदर केसरिया विनायक,


कंठ मोतियन की माला धारक,


जय देव, जय देव,


जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,


जय मंगल मूरत,


दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |


जय देव, जय देव ||



रत्नजड़ित मुकुट प्रभु चढ़ाऊं,


चन्दन कुमकुम केसर टीका लगाऊं,


हीरों का मुकुट शोभा बढ़ाए,


पायल की रुनझुन मन को सुहाए,


जय देव, जय देव,


जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,


जय मंगल मूरत,


दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |


जय देव, जय देव ||



लंबोदर पीतांबर कष्ट निवारक,


वक्रतुंड त्रिनेत्र धारक,


दास के सदन में प्रभु पधारो,


रक्षा करो भक्त वंदन करें सब संकट निवारो,


जय देव, जय देव,


जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,


जय मंगल मूरत,


दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |


जय देव, जय देव ||

अगस्त 13, 2022

ऐ वतन, तेरे लिए

हिंदी कविता Hindi Kavita ऐ वतन तेरे लिए Ae watan tere liye

मस्तक की बूंदों से मैंने,


सींची है तेरी ज़मीन,


मस्तक की सारी बूँदें हैं,


ऐ वतन, तेरे लिए |



लहू की बूंदों से मैंने,


खींची है तेरी सरहद,


रक्त का अंतिम कतरा भी,


ऐ वतन, तेरे लिए |



माथे की लाली को मैंने,


किया तुझपर कुर्बान,


कोख का बालक भी मेरा,


ऐ वतन, तेरे लिए |



वक्त के लम्हों को मैंने,


तेरी सेवा में बिताया,


हर पल हर श्वास मेरी,


ऐ वतन, तेरे लिए ||


अगस्त 03, 2022

लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई

हिंदी कविता Hindi Kavita लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई Lawn Bowls mein apratyaashit swarn padak par badhai


देवी का सा रूप है मेरा,


हूँ ना मैं अबला बेचारी,


अपने दम पर शिखर को चूमूँ,


मैं हूँ, आज की नारी ||

जुलाई 31, 2022

भारतीय खिलाड़ियों को CWG 2022 के लिए शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita भारतीय खिलाड़ियों को CWG 2022 के लिए शुभकामनाएं Best wishes to Indian players for CWG 2022


राष्ट्रमंडल खेलों में पुनः परचम लहराएगा,


काँसे का चाँदी का, सोने का तमगा आएगा ||

जून 21, 2022

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

हिंदी कविता Hindi Kavita अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस International Yoga Day

स्वस्थ तन निर्मल मन दूर रखते सारे रोग,


आओ मिलकर अपनाएं जीवन में अपने योग ||

फ़रवरी 11, 2022

पढ़ाई करो, लड़ाई नहीं

हिंदी कविता Hindi Kavita पढ़ाई करो लड़ाई नहीं Padhai karo Ladhai nahin

शिक्षण संस्थानों में धार्मिक महिमा-मंडन का कोई स्थान नहीं होना चाहिए | पढ़ाई करो, लड़ाई नहीं |



दो सालों से वैसे भी,


शिक्षा पर लगी है लगाम,


धरम को थोड़ा बगल में रखो,


ज्ञान के छुओ नए आयाम ||

फ़रवरी 06, 2022

स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि

हिंदी कविता Hindi Kavita स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि Swar Kokila Sushri Lata Mangeshkar Ji ko Shradhanjali

संगीत की लताओं पर सुरों का फ़ूल था खिला,


गूँजती मधुर ध्वनि में इक सुरीली कोकिला,


काल की कठोरता से फ़ूल धूल हो चला,


ज़िंदा है सुरों में अब भी वो स्वर कोकिला ||

जनवरी 26, 2022

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं Gantantra Diwas ki Shubhkaamnaayein

भारत एक गणतंत्र है - जनता का तंत्र | भारत की जनता अपना घर हो या देश, दोनों को चलाने में सक्षम है | बाहरी सहायता की आवश्यकता नहीं है |



चाहे उत्सव हो, उल्लास हो,


या संकट का आभास हो,


चाहे दो-चार ही जन हों,


या सवा सौ करोड़ श्वास हो,


मंज़र जैसा भी हो चाहे,


हम जी लेंगे, हम कर लेंगे,


भारत पर जो आँख उठाए,


हम स्वत: ही निपट लेंगे,


हम सक्षम हैं ||

जनवरी 09, 2022

लोकतंत्र का उत्सव

हिंदी कविता Hindi Kavita लोकतंत्र का उत्सव Loktantra ka Utsav

फ़िर निकले हैं दल-बल लेकर,


चोर-उचक्के और डकैत,


चाहते हैं मायावी कुर्सी,


पाँच साल फ़िर करेंगें ऐश |



मत अपना बहुमूल्य है समझो,


मत करना इन पर बर्बाद,


जाँच-परख कर नेता चुनना,


सुने जो सबकी फ़रियाद ||

नवंबर 04, 2021

शुभ दीपावली

हिंदी कविता Hindi Kavita शुभ दीपावली Shubh Deepawali

संत कवि श्रीतुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस से प्रेरित दीपावली के संदर्भ में मेरी चंद पंक्तियाँ -



भ्रमित भटकता हूँ मैं बालक |

तुम ही हो जगत के पालक ||


नीच कुटिल है मेरी संगत |

माँगू राम नाम की रंगत ||


राम बनो मेरे खेवैया |

भवसागर तर जाए नैया ||


दीपक घृत के दिल में जलाऊं |

हृदय में श्रीहरि को मैं बसाऊं ||

अक्तूबर 31, 2021

सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन

हिंदी कविता Hindi Kavita सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन Sardar Patel ki Jayanti par Shradhasuman

तिनकों को समेट कर इक धागे में पिरोया था,


टुकड़ों को बटोर कर इक राष्ट्र को संजोया था,


नमन है भारतमाता के उस वीर पुत्र को,


नींव में जिसने एकता का इक बीज बोया था ||

अक्तूबर 15, 2021

मेरे राम, मेरे राम

हिंदी कविता Hindi Kavita मेरे राम मेरे राम Mere Ram Mere Ram

अंत समय में रावण ने श्रीराम से कहा -



मेरे राम, मेरे राम


तू स्वामी मैं जंतु आम,


मेरे राम, मेरे राम


तू ज्ञानी मैं मूरख अनजान,


मेरे राम, मेरे राम


याचक को दे क्षमादान,


मेरे राम, मेरे राम


ले चल अब तेरे धाम,


मेरे राम, मेरे राम ||

अक्तूबर 02, 2021

गाँधीजी एवं शास्त्रीजी की स्मृति में श्रद्धासुमन

हिंदी कविता Hindi Kavita गाँधीजी एवं शास्त्रीजी की स्मृति में श्रद्धासुमन Gandhiji evam Shastriji kee smriti mein Shradhasuman

ओ मेरे मोहन के दास,


सम्पूर्ण भारत की आस,


करता हूँ तुझसे अरदास,


फ़िर से आजा अब तू पास,


सिखला दे पुन: इक बार,


सत्य और अहिंसा है खास,


थाम के लकड़ी का वह बाँस,


जगा फ़िर जग में विश्वास |



ओ मेरे भारत के लाल,


तू तो था बहादुर कमाल,


नित्य तैरा सरिता विशाल,


शिक्षा में निष्ठा की मिसाल,


सिखला दे पुन: इक बार,


कृषक और सैनिक हैं ढाल,


तन पर सादी खादी डाल,


फ़िर कर राष्ट्र का ऊँचा भाल ||

राम आए हैं