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मार्च 31, 2023
मार्च 23, 2023
बहार
मृत गोचर हो रहे पादपों पर,
कोंपलों की सज रही कतारें हैं,
अलसुबह शबनमी उपवनों में,
भ्रमरों की सुमधुर गुंजारें हैं,
मंद-मंद लहलहाती कलियों से,
गुलशनों में छा रही गुलज़ारें हैं,
टहनियों पर चहचहाते पंछी कहें,
देखो-देखो आ गई बहारें हैं |||
मार्च 08, 2023
नारी के नाना रंग
कभी शक्ति का रंग,
कभी सेवा का,
कभी भगिनी का रंग,
कभी भार्या का,
कभी सुता का,
कभी माता का,
कभी प्रेम का,
कभी क्रोध का,
कभी जीत का,
कभी हार का,
कभी धीरज का,
कभी बेसब्री का,
कभी आज़ादी का,
कभी दासता का,
कभी देवी का,
कभी मजबूरी का,
होली में उल्लास के उड़ते नाना रंगों से भी,
ज़्यादा रंगों से रंगा अस्तित्व है नारी का |||
मार्च 04, 2023
बसंत
सुंदर सुमनों की सुगंध समीर में समाई है,
बैकुंठी बयार बही है, बसंती ऋतु आई है ||
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