content='width=device-width, initial-scale=1' /> मन के भाव - हिंदी काव्य संकलन Mann ke Bhaav : Hindi Kavita: बहार

मार्च 23, 2023

बहार

हिंदी कविता Hindi Kavita बहार Bahaar

मृत गोचर हो रहे पादपों पर,


कोंपलों की सज रही कतारें हैं,


अलसुबह शबनमी उपवनों में,


भ्रमरों की सुमधुर गुंजारें हैं,


मंद-मंद लहलहाती कलियों से,


गुलशनों में छा रही गुलज़ारें हैं,


टहनियों पर चहचहाते पंछी कहें,


देखो-देखो आ गई बहारें हैं |||

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