जुलाई 28, 2022

झूम के सावन आएगा

हिंदी कविता Hindi Kavita झूम के सावन आएगा Jhoom ke Sawan aayega

 

रूखा-सूखा हर तरुवर तब पत्तों से लहराएगा,


नभ से अमृत उतरेगा, जब झूम के सावन आएगा |


चंदा के दरस को, चकोर तरसाएगा,


अम्बर पर मेघ छाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |


घटा घनी होगी, दिन में भी रवि छुप जाएगा,


इन्द्रधनुष भी दीखेगा, जब झूम के सावन आएगा |


झुलसाती तपन से तन को भी राहत पहुंचाएगा,


शीतल जल टपकेगा, जब झूम के सावन आएगा |


बहते अश्कों को भी बूँदों का पर्दा मिल जाएगा,


अकेला आशिक तरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |


सड़कों पर चलेगी चादर, हर वाहन थम जाएगा,


कागज़ की कश्ती दौड़ेगी, जब झूम के सावन आएगा |


चाय की चुस्की के संग, पकोड़ा ललचाएगा,


भुट्टा भून के खाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |


छाते की ओट में इक दिल दूजे से टकराएगा,


प्रेम का झरना बरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |


सावन के गीतों संग दिल भी बाग़-बाग़ हो जाएगा,


तीज-त्यौहार मनाएंगें, जब झूम के सावन आएगा ||

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