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नवंबर 14, 2022
नवंबर 03, 2022
माँ
आज मेरी माँ को गए हुए 10 साल हो गए | उनको अर्पित एक छोटी सी श्रद्धांजलि |
बरसों हो गए आँचल में तेरे सर को छुपाए ओ माँ,
पलकों पर मुझको, रखा हमेशा, तुझ जैसा कोई कहाँ,
जाने कहाँ गुम हो गई अचानक, सूना बिन तेरे जहाँ,
सपनों में अपने, ढूँढूं मैं तुझको, यादों में ज़िंदा तू माँ ||
अक्टूबर 24, 2022
बचपन वाली दीवाली
वो चढ़-चढ़कर घर से सारे जालों को मिटाना,
वो पंखों की, कोनों-कोनों की धूल को हटाना,
वो आँगन में नाना रंगों से रंगोली सजाना,
वो दीवारों-दरवाज़ों पर रंग-रोगन कराना,
बाज़ारों से धनतेरस पर नया बर्तन ले आना,
वो मिठाई वो बताशे वो खील वो खिलौना,
वो छत पर रंगीन बल्बों की लड़ियाँ लगाना,
वो मोमबत्ती और दीपों से पूरे घर को सजाना,
वो नए-नए कपड़ों में पूजा कर प्रसाद चढ़ाना,
वो पटाखों की थैली के संग बाहर भाग जाना,
वो फुलझड़ी वो अनार वो रॉकेट वो चरखरी,
वो आलू बम, वो फूँक बम, वो मुर्गे की लड़ी,
खुशियों से भरपूर थी बचपन की हर दीवाली,
आओ मनाएँ फ़िर से वो ही बचपन वाली दीवाली ||
अक्टूबर 05, 2022
आओ दशहरा मनाएं
कागज़ का पुतला जलाकर,
सदियों की प्रथा निभाकर,
उत्सव हमने मनाया |
भीतर का रावण जलाकर,
राम की सीखें अपनाकर,
आओ दशहरा मनाएं ||
सितंबर 19, 2022
तेरी आँखों का समंदर
तेरी आँखों के समंदर में डूब जाने को जी करता है,
तेरे नैनों के तीरों से मर जाने को जी करता है ||
सितंबर 16, 2022
रस्ते पर गिरा पेड़
वो सड़क जो दो दिलों को जोड़ती थी,
प्रेम की धरा पे जो दौड़ती थी,
आज दो भागों में वो बंट चुकी है,
मौजूद है वहीं मगर कट चुकी है,
अहं का वृक्ष मार्ग पर गिर चुका है,
भावों का आवागमन थम चुका है,
कोई इस तरु को राह से सरकाए,
दो दिलों की दूरियों को भर जाए ?
अगस्त 30, 2022
सुख करता, दुखहर्ता का हिंदी अनुवाद
सुख दाता दुःख हरता विघ्न विनाशक,
कृपासागर रिद्धि-सिद्धिदायक,
सर्वांगीण सुंदर केसरिया विनायक,
कंठ मोतियन की माला धारक,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
रत्नजड़ित मुकुट प्रभु चढ़ाऊं,
चन्दन कुमकुम केसर टीका लगाऊं,
हीरों का मुकुट शोभा बढ़ाए,
पायल की रुनझुन मन को सुहाए,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
लंबोदर पीतांबर कष्ट निवारक,
वक्रतुंड त्रिनेत्र धारक,
दास के सदन में प्रभु पधारो,
रक्षा करो भक्त वंदन करें सब संकट निवारो,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
अगस्त 26, 2022
जीवन की किताब
इक दिन फुर्सत के क्षणों में,
तन्हा-तन्हा से पलों में,
मैंने मन में झाँककर,
जीवन की किताब खोली |
पहले पन्ने पर दर्ज था,
बड़ा-बड़ा सा अर्ज़ था,
मेरा परिचय, मेरी पहचान,
माँ-बाबा का दिया वो नाम,
जो जीवन का अंग था,
हर किस्से के संग था |
पन्ना-पन्ना मैं बढ़ता गया,
किस्से-कथाएं पढ़ता गया,
कुछ अफ़साने खुशी के थे,
कुछ नीरस से दुःखी से थे,
थोड़ी आशा-निराशा थीं,
कुछ अधूरी अभिलाषा थीं,
कहीं जीत थी कहीं हार थी,
कहीं किस्मत की पतवार थी,
कभी बरखा थी बहार थी,
कभी पतझड़ की बयार थी |
एक विपदाओं की बाढ़ थी,
और ओलों की बौछार थी,
रस्ते पर खड़ी दीवार थी,
लेकिन संग में तलवार थी,
श्रम-संयम जिसकी धार थी,
फ़िर पल में नौका पार थी,
कुछ लाभ था कुछ हानि थी,
ऐसी ढेरों कहानी थीं |
अंतिम कुछ पन्ने कोरे थे,
ना ज़्यादा थे ना थोड़े थे,
कुछ मीठे पल अभी जीने हैं,
कुछ कड़वे घूँट भी पीने हैं,
मैंने कल में झाँककर,
यादों की झोली टटोली ||
अगस्त 13, 2022
ऐ वतन, तेरे लिए
मस्तक की बूंदों से मैंने,
सींची है तेरी ज़मीन,
मस्तक की सारी बूँदें हैं,
ऐ वतन, तेरे लिए |
लहू की बूंदों से मैंने,
खींची है तेरी सरहद,
रक्त का अंतिम कतरा भी,
ऐ वतन, तेरे लिए |
माथे की लाली को मैंने,
किया तुझपर कुर्बान,
कोख का बालक भी मेरा,
ऐ वतन, तेरे लिए |
वक्त के लम्हों को मैंने,
तेरी सेवा में बिताया,
हर पल हर श्वास मेरी,
ऐ वतन, तेरे लिए ||
अगस्त 11, 2022
राखी
रेशम की डोर नहीं,
प्रेम का धागा है राखी,
कष्टों में भी साथ का,
आजीवन वादा है राखी ||
अगस्त 06, 2022
जब काला बादल छाता है
नीले वीरान उस अम्बर पर,
सविता के तेज़ के परचम पर,
जब काला बादल छाता है,
बरखा का मौसम आता है |
विकट सघन उस कानन पर,
कुदरत के मृदु दामन पर,
जब काला बादल छाता है,
मयूर पंख फैलाता है |
नित्य सिकुड़ते पोखर पर,
दरिया के अवशेषों पर,
जब काला बादल छाता है,
पोखर धारा हो जाता है |
शुष्क दरकती वसुधा पर,
रेती पत्थर या माटी पर,
जब काला बादल छाता है,
नवजीवन प्रारंभ पाता है ||
अगस्त 03, 2022
लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई
देवी का सा रूप है मेरा,
हूँ ना मैं अबला बेचारी,
अपने दम पर शिखर को चूमूँ,
मैं हूँ, आज की नारी ||
जुलाई 31, 2022
भारतीय खिलाड़ियों को CWG 2022 के लिए शुभकामनाएं
राष्ट्रमंडल खेलों में पुनः परचम लहराएगा,
काँसे का चाँदी का, सोने का तमगा आएगा ||
जुलाई 28, 2022
झूम के सावन आएगा
रूखा-सूखा हर तरुवर तब पत्तों से लहराएगा,
नभ से अमृत उतरेगा, जब झूम के सावन आएगा |
चंदा के दरस को, चकोर तरसाएगा,
अम्बर पर मेघ छाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |
घटा घनी होगी, दिन में भी रवि छुप जाएगा,
इन्द्रधनुष भी दीखेगा, जब झूम के सावन आएगा |
झुलसाती तपन से तन को भी राहत पहुंचाएगा,
शीतल जल टपकेगा, जब झूम के सावन आएगा |
बहते अश्कों को भी बूँदों का पर्दा मिल जाएगा,
अकेला आशिक तरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |
सड़कों पर चलेगी चादर, हर वाहन थम जाएगा,
कागज़ की कश्ती दौड़ेगी, जब झूम के सावन आएगा |
चाय की चुस्की के संग, पकोड़ा ललचाएगा,
भुट्टा भून के खाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |
छाते की ओट में इक दिल दूजे से टकराएगा,
प्रेम का झरना बरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |
सावन के गीतों संग दिल भी बाग़-बाग़ हो जाएगा,
तीज-त्यौहार मनाएंगें, जब झूम के सावन आएगा ||
जुलाई 23, 2022
बूँदें
आसमान से गिरती हैं नन्ही-नन्ही बूँदें,
पथरीले धरातल पर जाने किसको ढूँढें,
बूँद-बूँद धारा बनकर भूमि को सींचें,
नभ पर मोहक रंगों से चित्र मनोहर खींचें,
पत्तों से शाखाओं से मारुत में झूलें,
रूखी-सूखी धरती से दरारों को लीलें,
उदासीन उष्मा को परिवेश से मिटाएं,
उत्सव और त्योहारों का स्वागतगीत सुनाएं ||
जुलाई 16, 2022
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
सुख की अनुभूति,
या दुःख का अनुभव,
अंधियारी रात,
या मधुरम कलरव,
सपनों की दुनिया,
या व्याकुल वास्तव,
जीवंत शरीर,
या निर्जीव शव ||
जून 29, 2022
उदयपुर के कन्हैयालाल जी को श्रद्धांजलि
क्या सिर्फ़ फाँसी पर्याप्त है ?
मौत की सज़ा भी इस आतंक पे काफ़ी नहीं,
हो ऐसा इंसाफ जो मिसाल बनना चाहिए ||
जून 27, 2022
बरसात की इक रात
बरसात की इस रात में हम आपका इंतज़ार करते हैं,
आपकी याद में दोस्तों से तकरार करते हैं,
तुम हमारी थी, हमारी हो, हमारी ही रहोगी,
पर हमें पता है, यह तुम कभी ना कहोगी,
इस दर्द भरी दुनिया में तुम्हारा साथ चाहते हैं,
पर ज़रूरत पड़ने पर खुद को अकेला ही पाते हैं,
दिल चीर के देख लो तुम्हारा नाम लिखा है,
प्यार क्या होता है तुमसे ही सीखा है,
हमारे दिल का हाल तुम नहीं जानती हो,
हमें सिर्फ़ हमारे चेहरे से पहचानती हो,
बरसात की इस रात में आज हम इकरार करते हैं,
हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं,
हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं ||
जून 21, 2022
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
स्वस्थ तन निर्मल मन दूर रखते सारे रोग,
आओ मिलकर अपनाएं जीवन में अपने योग ||
जून 19, 2022
ये साली ज़िंदगी !
अथाह अगाध सागर जैसी,
है ये साली ज़िंदगी !
पहला जनम दूजा तट मृत्यु,
यात्रा भारी ज़िंदगी !
ज़िन्दों का उपहास करती,
है ये साली ज़िंदगी !
कष्टों के लवण से परिपूर्ण,
जलधि खारी ज़िंदगी !
बूँदों में सुख को टपकाती,
है ये साली ज़िंदगी !
निकट पहुँचते ही उड़ जाती,
बूँदें, सारी ज़िंदगी !
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