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अगस्त 11, 2022

राखी

हिंदी कविता Hindi Kavita राखी Rakhi

रेशम की डोर नहीं,


प्रेम का धागा है राखी,


कष्टों में भी साथ का,


आजीवन वादा है राखी ||


अगस्त 06, 2022

जब काला बादल छाता है

हिंदी कविता Hindi Kavita जब काला बादल छाता है Jab kaala badal chata hai

नीले वीरान उस अम्बर पर,


सविता के तेज़ के परचम पर,


जब काला बादल छाता है,


बरखा का मौसम आता है |



विकट सघन उस कानन पर,


कुदरत के मृदु दामन पर,


जब काला बादल छाता है,


मयूर पंख फैलाता है |



नित्य सिकुड़ते पोखर पर,


दरिया के अवशेषों पर,


जब काला बादल छाता है,


पोखर धारा हो जाता है |



शुष्क दरकती वसुधा पर,


रेती पत्थर या माटी पर,


जब काला बादल छाता है,


नवजीवन प्रारंभ पाता है ||

अगस्त 03, 2022

लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई

हिंदी कविता Hindi Kavita लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई Lawn Bowls mein apratyaashit swarn padak par badhai


देवी का सा रूप है मेरा,


हूँ ना मैं अबला बेचारी,


अपने दम पर शिखर को चूमूँ,


मैं हूँ, आज की नारी ||

जुलाई 28, 2022

झूम के सावन आएगा

हिंदी कविता Hindi Kavita झूम के सावन आएगा Jhoom ke Sawan aayega

 

रूखा-सूखा हर तरुवर तब पत्तों से लहराएगा,


नभ से अमृत उतरेगा, जब झूम के सावन आएगा |


चंदा के दरस को, चकोर तरसाएगा,


अम्बर पर मेघ छाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |


घटा घनी होगी, दिन में भी रवि छुप जाएगा,


इन्द्रधनुष भी दीखेगा, जब झूम के सावन आएगा |


झुलसाती तपन से तन को भी राहत पहुंचाएगा,


शीतल जल टपकेगा, जब झूम के सावन आएगा |


बहते अश्कों को भी बूँदों का पर्दा मिल जाएगा,


अकेला आशिक तरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |


सड़कों पर चलेगी चादर, हर वाहन थम जाएगा,


कागज़ की कश्ती दौड़ेगी, जब झूम के सावन आएगा |


चाय की चुस्की के संग, पकोड़ा ललचाएगा,


भुट्टा भून के खाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |


छाते की ओट में इक दिल दूजे से टकराएगा,


प्रेम का झरना बरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |


सावन के गीतों संग दिल भी बाग़-बाग़ हो जाएगा,


तीज-त्यौहार मनाएंगें, जब झूम के सावन आएगा ||

जुलाई 23, 2022

बूँदें

हिंदी कविता Hindi Kavita बूँदें Boondein


आसमान से गिरती हैं नन्ही-नन्ही बूँदें,


पथरीले धरातल पर जाने किसको ढूँढें,


बूँद-बूँद धारा बनकर भूमि को सींचें,


नभ पर मोहक रंगों से चित्र मनोहर खींचें,


पत्तों से शाखाओं से मारुत में झूलें,


रूखी-सूखी धरती से दरारों को लीलें,


उदासीन उष्मा को परिवेश से मिटाएं,


उत्सव और त्योहारों का स्वागतगीत सुनाएं ||

जून 21, 2022

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

हिंदी कविता Hindi Kavita अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस International Yoga Day

स्वस्थ तन निर्मल मन दूर रखते सारे रोग,


आओ मिलकर अपनाएं जीवन में अपने योग ||

जून 10, 2022

कुहासा

हिंदी कविता Hindi Kavita कुहासा Kuhasa

कोहरे की मोटी चादर में,


दुबका-सिमटा सारा परिवेश,


ना गोचर है मार्ग-मंज़िल,


बस तृष्णा ही बाकी है शेष |



भरता हूँ डग अटकल करते,


पथ पर कंटक-कंकड़ या घास ?


मन में है भटकाव का भय,


और धुंध के छँटने की आस |



भाग्य रवि फ़िर दमकेगा,


ओझल फ़िर होगा कुहासा,


तब तक बढ़ता धीरे-धीरे,


जीवनपथ पर मैं तन्हा सा ||

जून 04, 2022

मध्यमवर्गीय परिवार

हिंदी कविता Hindi Kavita मध्यमवर्गीय परिवार Madhyamvargiya Parivar

मध्यमवर्गीय परिवार,


कूलर एक व्यक्ति चार,


दो कमरे का घरबार,


दाल रोटी और अचार,


कष्टों की है भरमार,


करते ना कभी इज़हार,


जुगाड़ में हैं बड़े होशियार,


सीमित साधन एवं विचार,


पड़ोसियों से है व्यवहार,


कानाफूसी और चटकार,


दो पहियों पर संसार,


छुट्टी बीते सपरिवार,


चाहते हैं छोटी सी कार,


धन के आगे हैं लाचार,


आँखों में सपने हज़ार,


पूरा करना बजट के बाहर,


सहते हैं महँगाई की मार,


सुनती ना इनकी सरकार,


सेल का रहता इंतज़ार,


मोल-भाव करते हर बार,


राशन की लम्बी कतार,


मुफ़्त धनिया है अधिकार,


संभाल के रखते हैं अखबार,


बाद में बिकता बन भंगार,


मेहनत का हैं भण्डार,


किस्मत की रहती दरकार,


पुरखों का करते सत्कार,


बच्चों में है शिष्टाचार,


समझौते जीवन का सार,


इच्छापूर्ति है दुष्वार,


परिवार में परस्पर प्यार,


छोटी-छोटी खुशियाँ अपार ||

मई 24, 2022

शतरंज की बिसात पर

हिंदी कविता Hindi Kavita शतरंज की बिसात पर Shatranj ki bisaat par

शतरंज की बिसात पर,


कपट की चाल है चली,


ज़रा ठहर, ज़रा संभल,


सम्मुख तेरे है छली,


फुफकारता भुजंग सा,


बैरी बड़ा महाबली,


साहस जुटा तू रह निडर,


असि उठा तू वार कर,


खुदा का हाथ थाम चल,


सन्मार्ग पर तू रह अटल,


शतरंज की बिसात पर,


शिकस्त की चाल है चली ||

मई 17, 2022

बाबा फ़िर आएंगें

हिंदी कविता Hindi Kavita बाबा फ़िर आएंगें Baba phir aayenge

जिनका ना कोई आदि है, ना ही कोई अंत है, ऐसे शाश्वत शिव का कोई क्या बिगाड़ सकता है |

डमरू व त्रिशूलधारी,


महाकाल त्रिपुरारी,


भक्तों का उद्धार करने,


नंदी का एकांत हरने,


बाबा फ़िर आएंगें |||

मई 14, 2022

जीवन सागर

हिंदी कविता Hindi Kavita जीवन सागर Jeevan Sagar

जीवन एक विस्तृत सागर है,


मन उसमें बहती नौका है,


अनुभव ही नाना टापू हैं,


लहरें भाग्यरेखा है |



टापू पर यात्री मिलते हैं,


मैंने अक्सर यह देखा है,


भेंट लघु ही होती है,


नियम यह अनोखा है |



दुखदायी यादें पत्थर हैं,


सुख एक फ़ूलों का खोखा है,


सागर में बहती नौका में,


भारी पत्थर क्यों रखा है ?

मई 08, 2022

माँ

हिंदी कविता Hindi Kavita माँ Maa

माँ तो देखो माँ होती है,


बच्चों की दुनिया होती है,


खुदा की रहमत होती है,


धरती पर जन्नत होती है,


माँ तो देखो माँ होती है ||

अप्रैल 16, 2022

राम गुण

हिंदी कविता Hindi Kavita राम गुण Ram Gun

जब जननी ने श्रीराम को वन-गमन का आदेश दिया,


माता की आज्ञा को प्रभु ने सहर्ष शिरोधार्य किया,


विपदा में भी मर्यादा में रहकर ही व्यवहार किया,


संकट में धीरज रखने का हम सबको आदर्श दिया ||

मार्च 01, 2022

महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं MahaShivratri ki Shubhkaamnaayein

आज महाशिवरात्रि पर मेरी भोले बाबा से प्रार्थना है के यूरोप में चल रहे संग्राम पर विराम लगे और विश्व में शांति बहाल हो |



सत्य की जीत हो, असत्य की हार हो,


शिव से ही प्रारंभ है, शिव ही से विनाश हो,


भोले के ही चरणों में झुका संसार हो,


दुष्टों का अंत हो, अमन का आगाज़ हो ||

जनवरी 26, 2022

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं Gantantra Diwas ki Shubhkaamnaayein

भारत एक गणतंत्र है - जनता का तंत्र | भारत की जनता अपना घर हो या देश, दोनों को चलाने में सक्षम है | बाहरी सहायता की आवश्यकता नहीं है |



चाहे उत्सव हो, उल्लास हो,


या संकट का आभास हो,


चाहे दो-चार ही जन हों,


या सवा सौ करोड़ श्वास हो,


मंज़र जैसा भी हो चाहे,


हम जी लेंगे, हम कर लेंगे,


भारत पर जो आँख उठाए,


हम स्वत: ही निपट लेंगे,


हम सक्षम हैं ||

जनवरी 23, 2022

जब डर, मर जाता है

हिंदी कविता Hindi Kavita जब डर, मर जाता है Jab darr mar jaata hai

हर बाधा मिट जाती है,


राह से रोड़ा हट जाता है,


दृष्टि स्पष्ट हो जाती है,


गंतव्य भी दिख जाता है,


जब डर, मर जाता है |



मतिभ्रम मिट जाता है,


मन को सुकून आता है,


खुद पर यकीन आता है,


नत सर भी उठ जाता है,


जब डर, मर जाता है |



निर्बल बली हो जाता है,


जो चाहे वो कर जाता है,


गम भी सारे मिट जाते हैं,


जीवन में रंग भर आता है,


जब डर, मर जाता है ||

दिसंबर 05, 2021

नवंबर 09, 2021

हमने एक बीज बोया था

हिंदी कविता Hindi Kavita हमने एक बीज बोया था Humne ek beej boya tha

सूखे निर्जल मरुस्थल में,


मृगतृष्णा के भरम में,


सर्वस्व जब खोया था,


हमने एक बीज बोया था |



जब सपना अपना टूटा था,


अनपेक्षित अंकुर फूटा था,


श्रम से उसको संजोया था,


हमने एक बीज बोया था |



आज मरु पर उपवन छाया है,


जो चाहा था वह पाया है,


फलों से नत लहराया है,


हमने जो बीज बोया था ||

नवंबर 04, 2021

शुभ दीपावली

हिंदी कविता Hindi Kavita शुभ दीपावली Shubh Deepawali

संत कवि श्रीतुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस से प्रेरित दीपावली के संदर्भ में मेरी चंद पंक्तियाँ -



भ्रमित भटकता हूँ मैं बालक |

तुम ही हो जगत के पालक ||


नीच कुटिल है मेरी संगत |

माँगू राम नाम की रंगत ||


राम बनो मेरे खेवैया |

भवसागर तर जाए नैया ||


दीपक घृत के दिल में जलाऊं |

हृदय में श्रीहरि को मैं बसाऊं ||

अक्तूबर 31, 2021

सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन

हिंदी कविता Hindi Kavita सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन Sardar Patel ki Jayanti par Shradhasuman

तिनकों को समेट कर इक धागे में पिरोया था,


टुकड़ों को बटोर कर इक राष्ट्र को संजोया था,


नमन है भारतमाता के उस वीर पुत्र को,


नींव में जिसने एकता का इक बीज बोया था ||

राम आए हैं