अक्तूबर 19, 2021

मंज़िल की राहें

हिंदी कविता Hindi Kavita मंज़िल की राहें Manzil ki raahein

जो मार्ग मैंने अपनाया,


जिन काँटों पर मैं चल आया,


यदि उस रस्ते ना जाकर,


पृथक पथ को मैं अपनाता,


बाधाओं से दूरी रखकर,


फूलों पर पग भरता जाता,


क्या उन राहों पर चलकर मैं,


गंतव्य तक पहुँच पाता?

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