जुलाई 29, 2021

जीवनयात्रा

हिंदी कविता Hindi Kavita जीवनयात्रा Jeevanyatra

पथ पर पग भरते-भरते,


यात्रा संग करते-करते,


आता है औचक एक मोड़,


देता है जत्थे को तोड़,


बंट जाती हैं राहें सबकी,


बढ़ते हमराही को छोड़,


गम की गठरी को ना ले चल,


सुख के पल यादों में जोड़,


गाथा नूतन तू लिखता चल,


हर इक रस्ते हर इक मोड़ ||

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