अप्रैल 20, 2021

हारेंगे नहीं हम

हिंदी कविता Hindi Kavita हारेंगे नहीं हम Haarenge nahin hum

मन में संकल्प ठान कर,


काटों को रस्ता मान कर,


बढ़ते जायेंगे हम,


हारेंगे नहीं हम |



इक पग को पीछे रखकर,


दो पग आगे सरककर,


भागेंगे तेज़ हम,


हारेंगे नहीं हम |



हमराही से बिछड़कर,


अपनों से चाहे लड़कर,


भले अकेले हम,


हारेंगे नहीं हम |



सच का हाथ पकड़कर,


दुश्मन के हाथों मरकर,


फिर-फिर जीयेंगे हम,


हारेंगे नहीं हम |



रस्ते में थोड़ा थककर,


ठोकर खाकर और गिरकर,


फिरसे उठेंगे हम,


हारेंगे नहीं हम |



मंज़िल को अपना बनाकर,


राह के काँटों को मिटाकर,


इक दिन जीतेंगे हम,


तब तक,


हारेंगे नहीं हम ||

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