जनवरी 22, 2021

मन के भाव

हिंदी कविता Hindi Kavita मन के भाव Mann ke Bhaav

इस कोरे-कोरे पन्ने पर,


शब्दों के काले धब्बों से,


मन के भावों को अर्पित कर,


रंगों का बाग बसाता हूँ |



इस कोरे-कोरे जीवन में,


हताशा के गहरे तिमिर में,


विश्वास के क़दम बढ़ा,


आशा का दीप जलाता हूँ ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

राम आए हैं