Mann Ke Bhaav offers a vast collection of Hindi Kavitayen. Read Kavita on Nature, sports, motivation, and more. Our हिंदी कविताएं, Poem, and Shayari are available online!
त्यौहार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
त्यौहार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
नवंबर 04, 2020
अक्तूबर 03, 2020
2 अक्टूबर
जिसने दी संसार को,
सत-अहिंसा की सीख थी,
जिसकी दृष्टि में किसान की,
अहमियत जवान सरीख थी |
ऐसे महापुरुषों के उद्गम,
की साक्षी यह तारीख है,
निंदा की निरर्थकता का,
प्रमाण हर तारीफ़ है ||
अगस्त 15, 2020
आओ करें हम याद उन्हें
श्रावण के महीने में इक दिन,
बही थी आज़ादी की बयार,
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को,
बरसी स्वतंत्रता की फुहार |
रवि खिला था रैन घनी में,
दशकों के श्रम का परिणाम,
आओ करें हम याद उन्हें जो,
भेंट चढ़े थे राष्ट्र के नाम ||
जनवरी 26, 2020
गणतंत्र दिवस परेड
राजभवन से चला काफ़िला,
जनप्रतिनिधियों को लेकर,
चला वहाँ जहाँ जलती है,
अजर अमर नित्य एक ज्वाला,
जहाँ जीवंत हो उठती है,
वीरों की अगणित गाथा |
शीश झुकाकर किया नमन,
याद किया कुर्बानियों को,
माताओं के बलिदानों को,
यतीमों के रुदानों को,
रणबाँकुरे सेनानियों की स्मृति में,
झुक गया हर शीश हर माथा |
देखो फहराया गया तिरंगा,
गूँज उठा है राष्ट्रगान,
खड़े हुए हैं चहुँ ओर दर्शक,
देने तिरंगे को सम्मान,
गूँज उठी हैं 21 तोपें,
जैसे सिंह वन में गर्जाता |
हुआ शूरवीरों का सम्मान,
कईयों का जीते-जी कुछ का मरणोपरांत,
पर जीवित रहता है इनसे ही,
हम देशवासियों का अभिमान,
जीवित रहेंगे ये वीर भी तब तक,
जब तक इनकी वीरगाथा जन-जन है सुनाता |
देखो देखो सेना आई,
सैन्यशक्ति पथ पर दर्शायी,
थल-जल-वायु का यह मेला,
जन-जन का वक्ष गर्व से सुजाता,
पर चार चाँद लगाने इस दल को,
देखो ऊंटों का दस्ता आता |
सजी झांकियां सजे बहु जन हैं,
हुआ इनपर व्यय बहु धन है,
फिर भी लूटा इनने सबका मन है,
शोभायमान इन झांकियों से,
राजपथ पर बस इक दिन,
संपूर्ण भारतवर्ष है छा जाता |
देखो वीर बालक आए,
गजराज पथ पर हैं छाए,
कुछ साहसी मानवों ने,
मोटर-साइकिल पर करतब दिखाए,
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर,
गौरवान्वित होती भारतमाता ||
सदस्यता लें
संदेश (Atom)