फ़रवरी 23, 2023

तेरी बाँहें

हिंदी कविता Hindi Kavita तेरी बाँहें Teri Baahein

खिल रहे हों फूल जैसे इक उजड़ी सी बगिया में,


बरस पड़ा हो प्रताप जैसे इक सूखी सी नदिया पे,


टपक रहीं हों बूँदें जैसे शुष्क दरकती वसुधा पे,


पड़ रही हो छाया जैसे एक थके मुसाफिर पे,


अनुभव ऐसा होता मुझको तेरी बाँहों के घेरे में ||

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