अकेला
हिंदी कविता Hindi Kavita अकेला Aloneदुनिया के इस रंगमंच पे,
तू अकेला अदाकार है,
ना तेरा कोई साथी,
ना तेरा कोई विकल्प है |
गम अगर हो कोई तुझे,
तो कोई ना उसको बांटेगा,
खुश अगर तू हो गया,
तो गम मौका ताकेगा |
मौका मिलते ही फिरसे,
खुशी तेरी गायब होगी,
गम लौट के आएगा,
दुखी तेरी फितरत होगी ||
मदद किसी की करदे तो,
भलामानस कहलायेगा,
मदद किसी से मांगेगा,
सिर्फ दुत्कार ही पायेगा |
पीठ पीछे बातें होंगी,
खिल्ली तेरी खूब उड़ेगी,
कल तक जो अपने लगते थे,
दूरी उनसे खूब बढ़ेगी ||
सही-गलत में क्या भेद है,
दुनिया इसको भूल चुकी है,
अपना जिसमें लाभ हो,
बाकी गलत सिर्फ़ वही सही है |
सच्चाई का साथ अगर दे,
तो झूठा कहलायेगा,
दुनिया तुझपे थूकेगी,
कुंठित मन हो जाएगा ||
छोड़ दे दूजे की परवाह,
छोड़ दे खुशियों की चाहत,
छोड़ दे सच्चाई का साथ,
सुन ए बंदे पते की बात |
कोई न तेरा अपना है,
कोई न तुझको अपनाएगा,
इस झूठी दुनिया में,
तू,
अकेला आया था,
अकेला ही जाएगा ||
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