फ़रवरी 20, 2022

सरहद

हिंदी कविता Hindi Kavita सरहद Sarhad

हवा के झोकों में लहराती फसलों के बीच में,


अपनी मेहनत के पसीने से धरती को सींच के,


सूरज की तपती किरणों से आँखों को भींच के,


बचपन के अपने यार को उसके खेत से आते देखा |



कंधे पर उसके झोला था माथे पर मेहनत के निशान,


कपड़ों पर उसके मिट्टी थी मेरे ही कपड़ों के समान,


मेरी दिशा में अपनी बूढ़ी गर्दन को मोड़ के,


मेरी छवि को देख उसके चेहरे को मुरझाते देखा |



मैं पेड़ों के ऊपर चढ़ता वो नीचे फ़ल पकड़ता था,


मास्टर की मोटी बेंत से मेरे जितना वो डरता था,


जाने कितनी ही रातों को टूटे-फूटे से खाट पर,


बचपन में असंख्य तारों को हमने झपकते देखा |



वो नहरों में नहाना संग में बैठ कर खाना,


इक-दूजे के घर में सारा-सारा दिन बिताना,


छोटी-छोटी सी बातों पर कभी-कभी लड़ जाना,


बचपन की मीठी यादों को नज़रों में मंडराते देखा |



बस यादों में ही संग हैं, दूरी हममें अब हरदम है,


चंद क़दमों का है फ़ासला पर मिलना अब ना संभव है,


अपनी खेतों की सीमा से सटे लोहे के स्तंभ पर,


क्षितिज तक सरहद के बाड़े को हमने जाते देखा ||

फ़रवरी 14, 2022

खिल रहे हैं फूल

हिंदी कविता Hindi Kavita खिल रहे हैं फूल Khil rahe hain phool

खिल रहे हों फूल जैसे इक उजड़ी सी बगिया में,


बरस पड़ा हो प्रताप जैसे इक सूखी सी नदिया पे,


टपक रहीं हों बूँदें जैसे शुष्क दरकती वसुधा पे,


पड़ रही हो छाया जैसे एक थके मुसाफिर पे,


अनुभव ऐसा होता मुझको तेरी बाँहों के घेरे में ||

फ़रवरी 11, 2022

पढ़ाई करो, लड़ाई नहीं

हिंदी कविता Hindi Kavita पढ़ाई करो लड़ाई नहीं Padhai karo Ladhai nahin

शिक्षण संस्थानों में धार्मिक महिमा-मंडन का कोई स्थान नहीं होना चाहिए | पढ़ाई करो, लड़ाई नहीं |



दो सालों से वैसे भी,


शिक्षा पर लगी है लगाम,


धरम को थोड़ा बगल में रखो,


ज्ञान के छुओ नए आयाम ||

फ़रवरी 06, 2022

स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि

हिंदी कविता Hindi Kavita स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि Swar Kokila Sushri Lata Mangeshkar Ji ko Shradhanjali

संगीत की लताओं पर सुरों का फ़ूल था खिला,


गूँजती मधुर ध्वनि में इक सुरीली कोकिला,


काल की कठोरता से फ़ूल धूल हो चला,


ज़िंदा है सुरों में अब भी वो स्वर कोकिला ||

जनवरी 26, 2022

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं Gantantra Diwas ki Shubhkaamnaayein

भारत एक गणतंत्र है - जनता का तंत्र | भारत की जनता अपना घर हो या देश, दोनों को चलाने में सक्षम है | बाहरी सहायता की आवश्यकता नहीं है |



चाहे उत्सव हो, उल्लास हो,


या संकट का आभास हो,


चाहे दो-चार ही जन हों,


या सवा सौ करोड़ श्वास हो,


मंज़र जैसा भी हो चाहे,


हम जी लेंगे, हम कर लेंगे,


भारत पर जो आँख उठाए,


हम स्वत: ही निपट लेंगे,


हम सक्षम हैं ||

जनवरी 23, 2022

जब डर, मर जाता है

हिंदी कविता Hindi Kavita जब डर, मर जाता है Jab darr mar jaata hai

हर बाधा मिट जाती है,


राह से रोड़ा हट जाता है,


दृष्टि स्पष्ट हो जाती है,


गंतव्य भी दिख जाता है,


जब डर, मर जाता है |



मतिभ्रम मिट जाता है,


मन को सुकून आता है,


खुद पर यकीन आता है,


नत सर भी उठ जाता है,


जब डर, मर जाता है |



निर्बल बली हो जाता है,


जो चाहे वो कर जाता है,


गम भी सारे मिट जाते हैं,


जीवन में रंग भर आता है,


जब डर, मर जाता है ||

जनवरी 09, 2022

लोकतंत्र का उत्सव

हिंदी कविता Hindi Kavita लोकतंत्र का उत्सव Loktantra ka Utsav

फ़िर निकले हैं दल-बल लेकर,


चोर-उचक्के और डकैत,


चाहते हैं मायावी कुर्सी,


पाँच साल फ़िर करेंगें ऐश |



मत अपना बहुमूल्य है समझो,


मत करना इन पर बर्बाद,


जाँच-परख कर नेता चुनना,


सुने जो सबकी फ़रियाद ||

राम आए हैं